YDMS चर्चा समूह

शनिवार, 27 जुलाई 2013

कौन सच्चा है कौन झूठा

कौन सच्चा है कौन झूठा 

पहले 5 रू में खाना मिलने का नाहक शोर व्यापक स्तर पर मचाया, जब जब हल्ला मच गया तब सारा दोष योगना योग पर डालने वाले सारे गधे, पहले एकसाथ गदर्भ राग क्यों गा रहे थे ? इससे 2 बात स्पष्ट हैं एक इनके सरके सारे नेता मंत्री तक गधे हैं। तथा जनता को भी अपने जैसा समझते हैं।  दूसरे कोई गदर्भ राज है जो इन्हें जैसा कहे गाने लगते हैं। चाल उलटी पड़ने पर पलटी मारने में माहिर है। जैसे ये वैसा इनका नेता। इनके हाथों देश का बनेगा कुछ नहीं- लुटेगा सबकुछ !  ये तो अपनी ही बात  उसका औचित्य सिद्ध करने में नंगे हुए हैं, किन्तु दूसरों को तो कुचक्र द्वारा कीचड़ उछाल कर शोर मचाया जाता है। अब यह स्पष्ट हो गया है, कौन जनता को भ्रमित कर रहा है। अब दूध का दूध  पानी का पानी हो चुका है ! क्या अब भी हम इनके भ्रम में फंसेंगे ?शत्रुओं को              जय भारत फिर इस  दे कर देश से आओ इनसे देश बचाएँ द्दारी क्यों ?               जय भारत 
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जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक

मंगलवार, 2 जुलाई 2013

उतराखंड में विनाश प्राकृतिक नहीं, षड़यंत्र !

उतराखंड में विनाश प्राकृतिक नहीं, सम्पर्क काट कर, केदारनाथ भी कैलाश पर्वत व तिब्बत की तरह चीन को देने का षड़यंत्र है। 

उतराखंड  में विनाश प्राकृतिक नहीं बल्कि कांग्रेस के पहाड़ों पर विस्फोट करने के कारण हु है। वैज्ञानिकों ने कहा कि कोई बादल नहीं फटा था। ये ग्लेशियर्स के पिघलने के कारण हुआ है। स्वामी रामदेव जी का ये विडियो देखिये -https://www.facebook.com/photo.php?v=10151683894314015&set=vb.49218554014&type=2&theater

उमा भारती और शंक्रयाचार्य जी ने भी यही कहा था कि चीन ये जगह हथियाना चाहता है जैसे कि हमारे कैलाश पर्वत को हथिया लिया ।  इसलिए कांग्रेस के द्वारा यहाँ फिस्फोट कराया गया। अब वह जगह बहुत कमजोर है, जहां हमारा सम्पर्क भी कई जगह टूट गया है। जहां चीन कभी भी घुसपैठ कर सकता है। यदि वह यहाँ घुस गया तो केदारनाथ भी कैलाश की तरह हमसे छीन ले जायेगा।

कैलाश के बाद राम सेतु , कश्मीर, उत्तर पूर्व और अब केदारनाथ को भारत से अलग करने और शत्रु देशों को देने के कांग्रेस के घोर षड़यंत्र को अब तो समझिये।

कांग्रेस हटाओ , देश बचाओ— 


दूषित राजनीति के बिकाऊ नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प Join YDMS ;qxniZ.k सन 2001 से हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, पंजी सं RNI DelHin 11786/2001 विशेष प्रस्तुति विविध विषयों के 28+1 ब्लाग, 5 चैनल व अन्य सूत्र, की 60 से अधिक देशों में  एक वैश्विक पहचान है। तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 

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9999777358. 8743033968. 

Yug Darpan Media Samooh YDMS যুগদর্পণ, યુગદર્પણ  ਯੁਗਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ,http://bharatvarshasyaitihas.blogspot.in/2013/07/blog-post_2.html
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक

....और कितना गिरोगे देश के गद्दारो ?

मोदी विरोध में कांग्रेस का इतना गिरना !!!....और कितना गिरोगे देश के गद्दारो ?
Photoमोदी विरोध में कांग्रेस का गिरना तो समझा, गृहमंत्री चिदम्बरम का इतना गिरना व पद का दुरूपयोग करना ... !! .. और कितना गिरोगे देश के गद्दारो ?
लश्कर ए तोएबा की 19 वर्षीय इशरत जहाँ की अपने 3 साथियों जावेद शेख, अमजदाली अकबराली राना और जीशान जोहर सहित मौत 2004 में अहमदाबाद के बाहरी क्षेत्र में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में तब हुई थी, जब वह नरेन्द्र मोदी की हत्या के लिए वहां आई हुई थी । अन्य साथी कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता बन कर देश के कानून का लाभ उठाते हुए मुठभेड़ को हत्या का नाम देने लगे। मोदी के विरोधियों ने अवसर देख आतंकियों को समर्थन देना व प्रशासन को हत्यारा दर्शाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। साथ में मोदी को लपेटने का हर संभव प्रयास भी किया किन्तु साँच को आंच नहीं, सत्य सामने आ ही गया। अब सबकी दृष्टी 4 जुलाई को सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट पर लगी है।
इस मामले में गृह मंत्रालय ने पहले शपथ-पत्र में इशरत और उसके साथियों को लश्कर के आतंकवादी बताया था। पी.चिदंबरम के गृहमंत्री बनने के बाद दूसरे शपथ-पत्र में इससे इनकार किया गया। इस जांच की देखरेख कर रहे गुजरात उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि मृतकों के आतंकवादी होने या  होने को अनदेखा कर एनकाउंटर की सचाई का पता लगाया जाए। वाह रे गृहमंत्री वाह रे न्याय (?) की अभिलाषा !!!!
Photo: दोस्तों ये हे गुजरात हाईकोर्ट की जज एवं हिमाचल के सी .एम वीरभद्र सिंह की पुत्री अभिलाषा कुमारी ,जिसने इशरत जंहा एंकाउंटर में सी .बी .आई को निर्देश दिया की वो केवल ये जाँच करे की मुठभेड फर्जी थी या असली उसे कोई मतलब नही की वो आतंकी थी या नही !! दोस्तों इस प्रकार के निर्देशों में कांग्रेसी साजिशन की बू निश्चित तोर पर आती हे ....क्योकि इस धरती पर जीवित व्यक्ति पर बेकग्राउंड का पूरा असर रहता हे ......क्योकि इन दिनों जिस प्रकार जजों के कूकर्म निकल कर सामने आ रहे हे इनकार नही किया जा सकता हे .....मोदी जी को पिछले 1 1 वर्षो में घेरने के लिए कांग्रेस ने पिछवाड़े तक घोड़े खोल के देख लिए हे लेकिन मोदी जी इनके राजनितिक बाप हे ...अब कांग्रेस के पास ये आखरी मोका हे जिसमे कांग्रेस पूरा जोर लगा देगी ...दोस्तों ये अमेरिकन जाँच एजेंसियों ,भारतीय एजेंसियों में ,सभी सबूतों में प्रूव हो चूका हे की इशरत जंहा पाकिस्तान के लश्कर ए त्येब्बा नामक नेटवर्क की हिस्सा थी ......क्या आतंकियों को मारना भी क्या गुनाह हे ?गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं हिमाचल के मु मं वीरभद्र सिंह की पुत्री अभिलाषा कुमारी, ने किस अभिलाषा से इस पद को कलंकित किया ? मित्रो, ये है गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं हिमाचल के मु मं वीरभद्र सिंह की पुत्री अभिलाषा कुमारी, जिसने इशरत जहां एंकाउंटर में सी .बी .आई को निर्देश दिया कि वो केवल ये जाँच करे कि मुठभेड फर्जी थी या असली। उसे कोई मतलब नही की वो आतंकी थी या नही !! मित्रो, इस प्रकार के निर्देशों में कांग्रेसी कुचक्रों की नीचता का स्तर निश्चित होता है। ....क्योकि इस धरती पर जीवित व्यक्ति पर खानदान की परम्परा का पूरा असर रहता है। ......क्योकि इन दिनों जिस प्रकार जजों के कुकर्म निकल कर सामने आ रहे है, इसे नकारा नही किया जा सकता है। .....मोदी जी को पिछले 11 वर्षो में घेरने के लिए कांग्रेस ने पिछवाड़े तक घोड़े खोल के देख लिए है। किन्तु मोदी जी इनके राजनितिक बाप है। ...अब कांग्रेस के पास ये अन्तिम अवसर है। जिसमे कांग्रेस पूरा दम लगा देगी। ...मित्रो, ये अमेरिकन जाँच एजेंसियों, भारतीय एजेंसियों में, सभी सबूतों में प्रमाणित हो चुका है कि इशरत जंहा पाकिस्तान के लश्कर ए तोएबा नामक नेटवर्क की अंग थी। ......क्या, आतंकियों को मारना भी क्या अपराध है ?
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यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
हम जो भी कार्य करते हैं, परिवार/काम धंधे के लिए करते हैं |
 देश की बिगडती दशा व दिशा की ओर कोई नहीं देखता | आओ मिलकर इसे बनायें; -तिलक
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक

मंगलवार, 18 जून 2013

केन्द्रीय मंत्री मंडल में कांट छाँट

1) केन्द्रीय मंत्री मंडल में कांट छाँट 
केन्द्रीय मंत्री मंडल में की गई लीपा पोती से आशाएं ? कुछ लोग इससे बड़ी बड़ी आशाएं लगा कर बैठे हैं !
केन्द्रीय मंत्री मंडल के जिस परिवर्तन को नए चेहरे के रूप में इतना महिमा मंडित किया जा रहा है, उसका विश्लेषण करते हैं। कुल 8 चेहरे बदले गए 4 काबिना स्तर के व 4 राज्य स्तर के, जिनमे कोई भी 60 वर्ष से कम नहीं है।  क्या ये हैं, युवा नेता के युवा सहयोगी ?
क्या कभी कोयला धोने से सफ़ेद हुआ है ? पूरी की पूरी सरकार के 4 वर्ष के घोटालों को कैसे धोया जा सकता है?  इन मंत्रियों के बदलने से सरकार का चेहरा कैसे बदलेगा ? परिवर्तन के संकेत का आंकलन करते हैं। सीसराम ओला को जब हटाया गया था क्या कारण था ? चुनाव से पूर्व इसे लाकर मंत्रालय की कार्यक्षमता निखरेगी या बिगड़ेगी ? संप्रग 1 व 2 के घोटालों के दाग मिटने का तो कोई प्रश्न ही नहीं है अपितु अब न तो कार्य करने के लिए समय बचा है न घोटाले करने के लिए। मुझे हटा के मोटे 2 घोटाले तुम करो, दाग धोने के लिए मुझे बुला लो; क्या यह बात उसे और उद्विग्न नहीं करेगी ? बंसल पर आरोप लगे, उसे हटाकर मलिकार्जुन खड्गे को रेल मंत्री बना कर क्या सन्देश दे रहे हैं, कि बड़े बड़े घोटालेबाजों के बीच छोटे मोटे आरोप के मंत्री स्वीकार नहीं ? स्पष्ट है न मंत्रालय का कार्य सुधारना है, न सरकार की छवि। यह केवल और केवल वोट साधने /रिझाने का विशुद्ध रूप से राजनैतिक हत्कंडा मात्र है। कुछ क्षेत्रों में चुनाव देखते हुए चुनावी समीकरण के अंतर्गत जातीय गोटियाँ बिछाने को "किस भाषा में" सरकार का चेहरा चमकाना कहते हैं? यह मेरी समझ से तो परे है। कांग्रेस प्रवक्ता नदीम जावेद स्वयं स्वीकार करते है, कि चेहरा बदलने की बात नहीं है।
70 मंत्रियों के कुनबे में से शेष 62 में अधिकांश वही हैं जो बड़े बड़े घोटाले व अन्य आरोप लगने के बाद भी जमे है। यह तो तब है जब नेतृत्व म. मो. सिंह जैसा अनुभवी वयोवृद्ध व कथित योग्य व्यक्ति के हाथ में है। जब नेतृत्व उस हाथ में होगा, जो आयु, क्षमता, योग्यता व अनुभव हर स्तर पर, सबसे निम्नतम होगा, तो केवल परिवार के टैग लगाने से वह योग्य कैसे बन जायेगा ? कौन बनेगा कठपुतली, कौन किसे नचाएगा ? देश जब एक कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुभवहीन नेतृत्व का प्रयोग, कितना घातक होगा ? यह जानकर भी, लुटेरे सत्ता के गलियारों की बन्दगी से, चाँदी के कुछ ठीकरे पाने की आशा में, राहुल राहुल का जाप क्या राष्ट्र द्रोह नहीं है ? देश को ऐसे शर्मनिर्पेक्षों से बचाने की आवश्यकता है।
नितीश व प्रलय के संकेत कांग्रेस के लिए धर्म निर्पेक्षता की परिभाषा कोई विचारधारा नहीं पाले से है। कांग्रेस का विरोधी व भाजपा के पाले मे रह कर सांप्रदायिक होने वाला, भाजपा से हट कर इनके समर्थन में आते ही, धर्म निर्पेक्ष हो जाता है ? म. मो. सिंह ने भले ही पाला बदलने से, नीतीश को धर्म निर्पेक्ष कहा, किन्तु तभी प्रकृति ने प्रलय के आक्रोश से स्पष्ट संकेत दिया, कि यह कार्य प्रलयंकारी है, विनाशकारी है।
राज नीति गन्दी लगे तो उससे भागो मत, युवाओं में उसका शुद्धिकरण करने की क्षमता है उस क्षमता का उपयोग करो।  हमारी तो बीत गई, भविष्य तुम्हारा है, कैसा हो तुम्हे निर्धारित करना है - तिलक
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
 विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
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सोमवार, 17 जून 2013

नव महाभारत दर्पण

नव महाभारत दर्पण 

(YDMS की एक नई प्रस्तुति)

काल व आवश्यकता के अनुसार नए नए प्रयोग चलते रहते हैं, तदनुसार यह एक नया ब्लाग  है।
महाभारत 2014 की रणभेरी बजने को है। 
यह महाभारत द्वापर की महाभारत से कुछ हट कर है। समय के साथ साथ महाभारत में भी कुछ परिवर्तन दिखने लगे हैं।
पहले की महाभारत में गान्धारी ने अपनी आँखों पर पट्टी बांध रखी थी व स्वयं नियमों से बंधी थी। आज की गान्धारी जनसामान्य को नियमों से बाँधकर व उनकी आँखों पर कानून की तथा विचार बदलने हेतु मस्तिष्क पर भ्रामक प्रचार की पट्टी चढ़ा देती है।
पहले सभी कौरव बुरे नहीं थे, केवल दुर्योधन के समर्थन के अपराधी थे। आज दुर्योधन व गान्धारी के साथ सभी 100 कौरव अपने 200 हाथों से अपने ही देश को खोखला करने में लगे हैं। भीष्म केवल इंद्र प्रस्थ के कारण उनका साथ नहीं दे रहे, लूट में भागीदारी उन्हें भी मिल रही है। दूसरी ओर कृष्ण अभी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि दोनों पक्षों की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उतरने की तैयारी में हैं।
पहले गान्धार नरेश व गान्धारी को संजय कुरुक्षेत्र का आँखों देखा वर्णन सुनाते थे, अब हम जनता जनार्दन को सुनायेंगे।
अथ नव महाभारत कथा। यह कथा भी है यथार्थ की, मोदी के पुरुषार्थ की सारथि वो स्वयं बने और स्वयं ही है पार्थ भी, शत कौरवों के चक्र व्यूह को भेदना है राष्ट्र और हिंदुत्व के स्वाभिमान के रक्षार्थ ही। जय घोष द्विग्घोषित हुए, लाज भारत की है अब हर राष्ट्र भक्त के हाथ में। वोट लुटा तो देश लुटेगा  साथ में अस्तित्व भी।

सच्चे वृतांत के लिए

YDMS की एक नई प्रस्तुति

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