YDMS चर्चा समूह

मंगलवार, 17 नवंबर 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
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शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

वाशिंगटन पोस्ट का विशेषण सबसे अच्छा

दिल्ली चुनावो का सबसे अच्छा विशेषण वाशिंगटन पोस्ट ने किया है ... पोस्ट के अनुसार भारत की जनता 'मुफ्त में' हर चीज पाना चाहती है .. यही कारण है कि भारत में इतनी बेकारी और गरीबी है ... अच्छा है कि अमेरिका में अभी ये प्रक्रिया 'ट्रेंड शुरू' नही हुआ, अन्यथा अमेरिका दिवालिया हो जायेगा ..जैसे यूपी में एक पार्टी ने 'मुफ्त में लैपटॉप' और मात्र 1000 रूपये अर्थात आठ डालर मासिक देने का वायदा करके बम्पर जीत प्राप्त की .. तमिलनाडु में एक पार्टी में 'जूसर मिक्सर ग्राइंडर' देकर जीत प्राप्त की .. किन्तु जनता को सोचना चाहिए कि कोई भी पार्टी ये अपने पार्टी चंदे से नही बल्कि सरकारी वित्त से ही देती है जो जनता के 'कर' से ही आता है .. यदि ये पैसा विकास कार्यो में खर्च होता तो आज भारत बहुत आगे होता !! 

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राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक

असम निकाय चुनाव में भाजपा की भव्य विजय

असम नगर निगम चुनाव में भाजपा की भव्य विजय 

असम म्‍यूनिस्‍पल चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीतयुदस: किसी नकारात्मक मसालेदार मीडिया ने इसे दर्शाया? असम में हुए शहरी निगम बोर्ड चुनाव परिणामों ने, दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार की पीड़ा झेल रही भाजपा के घावों पर मरहम लगाने का काम किया है। निकाय चुनाव में भाजपा ने प्राय:50 % नगरपालिकाओं में विजय अर्जित की और पहली बार कांग्रेस को पछाड़ा। दो दिन पहले दिल्ली में बुरी तरह पराजय  से पीड़ित  भाजपा को असम निकाय चुनाव में राहत मिली है।  इससे पार्टी में उत्साह का संचार हुआ है।  नौ फरवरी को हुए चुनाव में 14 लाख मतदाताओं में से 74 % ने वोट डाले थे।
 गुरुवार को आए चुनाव परिणामों के अनुसार, भाजपा ने 74 नगरपालिकाओं में से 38 में बहुमत प्राप्त किया है, जबकि कांग्रेस को 17 नगरपालिकाओं में जीत मिली असम गण परिषद को मात्र दो नगरपालिका जबकि एनसीपी को एक में जीत मिली है।  वार्डों की संख्या के अनुसार, प्रदेश के कुल 743 वार्डों में से 702 के परिणाम आए।  इसमें भाजपा को 340 वार्ड , जबकि कांग्रेस को 232 व असम गण परिषद को 39 वार्डों में विजय  प्राप्त हुई. अन्य पार्टियों को 10 से भी कम वार्ड मिले। 
2009 में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भव्य विजय प्राप्त की थी उसने अगप के साथ मिलकर चार सौ से अधिक वार्डों पर कब्जा जमाया था. इस चुनाव में भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी थी किन्तु इस बार पराजय से ऊपर उठकर भाजपा ने सबसे अधिक नगरपालिकाओं पर कब्जा किया और अकेले दम बहुमत अर्जित किया है जबकि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निर्वाचन क्षेत्र के निकायों में कांग्रेस सम्मान बचाने में सफल रही है, किन्तु कई मंत्रियों के क्षेत्र में भाजपा ने वर्चस्व स्थापित कर लिया है भाजपा इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है, जिसमें भाजपा स्वयं शहरी क्षेत्र में सुदृढ़ दिखने लगी है मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि लोकसभा चुनाव से बेहतर परिणाम आए हैं आगामी विधानसभा चुनावों में और बेहतर परिणाम मिलेंगे। 

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