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शनिवार, 4 जनवरी 2014

मीडिया सेंटर में प्रधानमंत्री का सम्मेलन

आर्थिक स्थिति शीघ्र ही सुधरेगी :मनमोहन
प्रधामनंत्री ने अर्थव्यवस्था सुधरने की आशा में अपने सरकार की थपथपाई पीठ,
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज दिल्ली के मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपने ढंग से संप्रग-2 सरकार की असफलताओं को स्वीकारा, कि सरकार में विकास दर घट गयी, आर्थिक असमानता बढ़ गयी और रोजगार के अवसरों में कमी आई। फिर उन भी असफलताओं को ढकने व अर्थव्यवस्था सुधरने की झूठी आशा में अपनी सरकार की पीठ थपथपाईउन्होंने कहा कि हम अपनी नीतियों के कारण ही वैश्विक आर्थिक मंदी का सामना कर पाये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछला दशक उतार चढ़ाव वाला रहा। ''आरम्भ में आर्थिक स्थिति अच्छी थी फिर शेष विश्व के कारण बिगड़ गई।'' प्रधानमंत्री ने विगत नौ वर्षों में जिस उच्चतम वृद्धि दर का उल्लेख किया, वह महँगाई भ्रष्टाचार व लूट के अतिरिक्त हम कहीं नहीं देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों की संख्या घटी है, तो इनके आँकड़ों के खेलों की कलई कई बार खुल चुकी है।
जो मीडिया इनके करोड़ों के विज्ञापन पर आश्रित है, उन्ही के भ्रमजाल के बल पर झूठा प्रचार किस प्रकार किया जाता है यह इस संवाददाता सम्मलेन से स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सहित सभी मोर्चों पर विफल रही सरकार की विफलताएँ यदि 10 मोर्चों पर रही, 4 जिन्हें छिपाना असम्भव था, 6 जहाँ आंकड़ों का खेल खेला जा सकता था; 6 झूठ 4 स्वीकारोक्तियों के साथ ऐसा घाल मेल बनाया, कि वह भी सत्य लगे। 65 वर्ष से खेला जा रहा बहकने का यह खेल, कब तक चलेगा? -युद 
प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में कमजोर तबकों का विकास हुआ और नरेगा से लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में सभी वर्गों की उन्नति हुई। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत पिछड़े क्षेत्रों में भी शिक्षा का लाभ मिला और शिक्षा क्षेत्र का विकास हुआ। उन्होंने कहा कि नये आईआईटी और आईआईएम खोले गये। हालांकि उन्होंने माना कि हम नौकरियां नहीं बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को और अधिकार देने के लिए हमने कानून बनाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने और छोटे तथा मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
उन्होंने माना कि विधानसभा चुनावों में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा किन्तु चुनाव से लोकतंत्र सशक्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव परिणामों से हम सबक लेंगे। उन्होंने माना कि महंगाई बढ़ी है किन्तु कहा कि साथ ही लोगों की आय भी बढ़ी है। उन्होंने महंगाई व मुद्रास्फीति पर नियन्त्रण पाने में असफलता को प्रथम बार स्वीकारा है। कहा कि ''खाद्य मूल्यों पर लगाम लगाने के लिए आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता है।'' ''हाल के विधानसभा चुनाव में लोगों के कांग्रेस के विरुद्ध होने का एक कारण महंगाई रहा''।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नीतियों में बदलाव भी किया है। उन्होंने कहा कि संसद में अभूतपूर्व व्यवधान के बाद भी हमने कई महत्वपूर्ण कानून पारित किए। मनमोहन ने कहा कि हम पड़ोसी देशों से अच्छे सम्बन्ध चाहते हैं किन्तु देश की सुरक्षा में पैसे खर्च करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम वृद्धि में सुधार, उद्यम को प्रोत्साहित करने, रोजगार बढ़ाने और गरीबी दूर के लिए अपनी नीतियों लागू करना जारी रखेंगे। मनमोहन ने कहा, ''मुझे इस बात का खेद है कि सच्चर समिति की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन का लाभ सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाया।''
प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किये जाने को लेकर पूछे गये प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुकी हैं कि सही समय आने पर इस बारे में निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने अभी त्यागपत्र देने संबंधी समाचारों को नाकारा और कहा कि वह इस पद की दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने में चुनाव के बाद मैं कामकाज नये प्रधानमंत्री को सौंप दूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि लोग आर्थिक और सामाजिक क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की आवश्यकता को समझेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैंने पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से देश की सेवा की है। मैंने कभी अपने मित्रों अथवा सम्बन्धियों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का उपयोग नहीं किया।''
अपनी सरकार की कलंकित छवि संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप संप्रग-1 के कार्यकाल के समय के हैं जिनसे कानून के अनुसार निपटा जा रहा है। उन्होंने इन आरोपों पर खेद जताया और कहा कि सरकारी निर्णयों में किसी तरह की गलती को कानून की स्थापित प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष के निजी स्वार्थ थे और मीडिया, कैग तथा अन्य पक्षों ने कई अवसरों पर इसे हवा दी। उन्होंने कोलगेट मामल पर कहा कि तथ्य यह है कि मैंने ही कोयला ब्लाक आवंटन में पारदर्शिता पर जोर दिया था।
यह पूछे जाने पर कि अगले चुनाव में क्या राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी संघर्ष में आपको परिणाम क्या लगता है, तो उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि अगला प्रधानमंत्री संप्रग से ही होगा, क्योंकि मोदी का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए घातक होगा।
  मनमोहन सिंह ने स्वीकार कर लिया है कि उनकी सरकार महंगाई और भ्रष्टाचार को रोकने में असफल रही और रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं पैदा कर सकी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाने के बजाय असफलताओं को गिनाया। यह सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है कि सत्ता का दोहरा केंद्र है। प्रधानमंत्री ने उसी बात को सही प्रमाणित किया है, जो भाजपा कहती रही है कि सत्ता के दोहरे केंद्र के कारण आप इस सरकार से अच्छे की आशा नहीं कर सकते। निर्णय लेने की आजादी पूरी तरह समाप्त हो गयी है।’’
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा की बात नहीं की, जबकि सरकार आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रही है। विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, कि यह कहना भी हास्यास्पद है कि संप्रग सरकार ने राजग से बेहतर काम किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने आरोप लगाया कि वर्त्तमान संप्रग सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे हैं, स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी अन्य सरकार के विरुद्ध ऐसे आरोप नहीं लगे।
अरुण जेटली ने मनमोहन से पूछे पांच प्रश्न 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आज आयोजित होने वाले संवाददाता सम्मेलन से पूर्व भाजपा ने उनसे कुछ प्रश्न किये हैं। इन प्रश्नों में एक यह भी है कि प्रधानमंत्री इतिहास में अपने कार्यकाल के आकलन के बारे में क्या सोचते हैं।
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक

बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

MONDAY, SEPTEMBER 30, 2013

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकार

नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में हुंकारजानिए क्‍या खास रहा नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में नरेंद्र मोदी की दिल्‍ली रैली में, नरेंद्र मोदी एक ओर दिल्ली के नेता दूसरी ओर नितिन गडकरी व सिद्धू आदि 

नई दिल्‍ली। भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने दिल्‍ली में एक भारी जनसभा को संबोधित किया, जिसमें अधिकतर लोग युवा वर्ग से थे। इस रैली में मोदी का भाषण सुनने के बाद कांग्रेस के कई नेता हलकान हैं। किसी की बोलती नहीं निकल रही है। मोदी ने अपने डेढ़ घंटे के भाषण में क्‍या कहा, उसके मुख्‍य बिंदु हम आपके लिये लेकर आये हैं। दिल्‍ली में भाजपा के पास विजय ही विजय हैं। विजय मल्‍होत्रा, विजय गोयल, आदि।  दिल्‍ली में कई सरकारें चल रही हैं, कहीं मां की सरकार तो कहीं बेटे की सरकार। साझा सरकार गणित से बनती है, किन्तु चलती केमिस्‍ट्री से है। कांग्रेसी दल पास-पास तो हैं, किन्तु साथ-साथ कतई नहीं हैं। अफसोस होता है कि हमारे प्रमं सरदार हैं, किन्तु असरदार नहीं हैं। 

दिल्‍ली की मुमं का कार्य सबसे सरल है। वो मात्र रिबन काटती फिरती हैं। कुछ बड़ा हुआ तो जिम्‍मेदारी केंद्र की, छोटा हुआ तो नगर निगम की। कॉमनवेल्‍थ घोटाला करके कांग्रेसियों ने देश का आत्मसम्मान लूटा है। उसने खेलों के आयोजनों में हमारे आने वाले भविष्‍य को छीन लिया है। सुप्रीम कोर्ट लगातार कांग्रेसियों के विरुद्ध निर्णय सुना रहा है, किन्तु ये लोग शराबी की तरह नशे में चूर हैं। संप्रग इस समय गांधी भक्ति में व्‍यस्‍त है। नोटों पर छपे गांधीजी की पूजा कर रही है। 

आज का युवा नौकरी चाहता है। राजग ने 6 करोड़ लोगों को रोजगार दिया था, जबकि संप्रग ने मात्र 27 को रोजगार दिया है। प्रधानमंत्री ओबामा के सामने अपने देश की गरीबी की 'मार्केटिंग' कर रहे हैं। उन्‍हें शर्म आनी चाहिये। प्रमं उसी फिल्‍म निर्माता की तरह काम कर रहे हैं, जो भारत की गरीबी पर फिल्‍म बनाता है और विदेशों में बेच कर अवार्ड ले आता है। देश जानना चाहता है कि नवाज शरीफ से आज हमारे प्रमं क्‍या कहेंगे। 

नवाज शरीफ आपकी औकात क्‍या है। आपने हमारे प्रमं को देहाती औरत कैसे बोला। हम घर के अंदर चाहे जितना लड़ें, किन्तु बाहर वाला हमारे ऊपर उंगली उठाये, यह हम सहन नहीं करेंगे। क्‍या प्रमं नवाज शरीफ से सैनिकों के कटे हुए सिर ला पायेंगे। यदि प्रमं के सम्मान का फलूदा बन रहा है तो वो मात्र कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष के कारण से। उन्‍होंने ही प्रमं की पगड़ी उछाली है। देश को अब 'डर्टी टीम' नहीं, 'ड्रीम टीम' की आवश्यकता है। संप्रग सरकार के पास कोई 'विजन' नहीं है। आप कोई भी बजट या योजना उठाकर देख लीजिये। 

मोदी को वर्षों से दो अंकों में गुजरात के आर्थिक विकास के साथ भाग्य बदलने का श्रेय दिया जाता है उसके गर्मजोशी से दिये भाषण सुनने के लिए उमड़े जन सैलाब में, उन लोगों ने मोदी का उत्साह पूर्वक स्वागत किया । कार्य क्रम में उपस्थित जनसमूह का एक बड़ा भाग उस वर्ग से था, जिसे सामान्यत भाजपा से काट कर देखा जाता है, अर्थात मुस्लिम व समाज के दलित  तथा युवा वर्ग तो दिविवि चुनाव में अभाविप के साथ खड़ा हो कर पहले ही प्रमाण दे चुका है। स्पष्टत:   कांग्रेस सभी वर्गों का विश्वास खो चुकी है तथा अब शीघ्र ही, दिग्विजय की श्रेणी के, कभी भी कुछ भी बक देने वाले वक्ता /प्रवक्ता हर ओर, हर बात के अर्थ का कुअर्थ बना कर देश का अनर्थ करने, सनसनी चेनलों व मीडिया में कूदते मिलेंगे। किन्तु नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक, व्यापक, विकल्प युग दर्पण मीडिया समूह, YDMS के पाठक जानते हैं, कि हमारे यहाँ ऐसी बकवास के लिए कभी कोई स्थान नहीं रहा है। क्योंकि हम किसी व्यक्ति, समूह या सत्ता के प्रति नहीं; राष्ट्र, समाज व सत्य के प्रति समर्पित हैं।  

सम्बद्ध समाचार ** नरेन्द्र मोदी की भाजपा के 'प्रधानमंत्री प्रत्याशी' के रूप में घोषणा होने के बाद उन्होंने चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष पद त्याग  दिया है। मोदी के पद छोड़ने के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड ने राजनाथ सिंह को चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान सौंप दी।    

दिल्ली में मोदी की रैली को 20,000 मुसलमानों का समर्थन!. 

** अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियां कई बर्षो से मोदी के बारे में ब्यापक सूचनाए इक्कट्ठा कर रही है .. और उनके आकड़े तथा तथ्य हमेशा जमीनी हकीकत पर आधारित होते है .. अभी हाल की दिल्ली रैली के दौरान अमेरिकी इंटेलीजेंस बिभाग के बहुत से एजेंट पत्रकारों के भेष में मोदी की सभा का आकलन और प्रभाव का विश्लेषण करने आये थे   

India’s opposition Bharatiya Janata party (BJP) leader Narendra Modi waves to supporters as he arrives to address a public rally in New Delhi, India, Sunday, Sept. 29, 2013.  अजय माकन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने एक पाकिस्‍तान के जर्नलिस्‍ट की झूठी खबर पर प्रतिक्रिया देकर देश के पीएम पद का अपमान किया है।                            ** ढ़ाई करोड़ लोगों को मोबाईल देकर संप्रग 2014 के लोकसभा चुनाव में क्‍या लाभ पा सकेगी, फिलहाल घोटाले और अक्षम  प्रशासन के कारण सरकार प्रश्नों के घेरे में है।  अपनी चुनावी रैली के मध्य हर जगह मनरेगा का जाप करने वाले राहुल गांधी ने एक बार फिर इसी योजना द्वारा सत्‍ता में वापसी का सपना सजा रखा है किन्तु इसका  उद्देश्य लोगों को रोजगार देना नहीं, बल्कि ढाई करोड़ लोगों को इंटरनेट उपयोग किये जाने में सक्षम मोबाइल दे वोट लेना है। इस योजना के अंतर्गत मनरेगा में पंजीकृत प्रत्‍येक परिवार के एक सदस्‍य को मोबाइल दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त दो वर्ष तक प्रति माह 30 रूपये का 'मुफ्त रिचार्ज' भी दिया जाएगा। जिस पर उपभोक्‍ता को प्रति माह तीस मिनट तक बात करने, 30 एसएमएस और 30 एमबीपीएस तक इंटरनेट उपयोग करने की सुविधा दी जाएगी।    कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोनिया गांधी के एक करीबी से नाराज हैं। कांग्रेस दो गुटों में बंट या है। एक गुट जो राहुल गांधी की टीम में है, जबकि दूसरी टीम सोनिया गांधी की है। बताया जा रहा है कि जब दागी नेताओं पर इस अध्यादेश को लाने के प्रयास चल रहे थे तभी राहुल कैंप के माने जाने वाले नेताओं ने इसके विरुद्ध बयान देना शुरू कर दिया था। संप्रग सरकार ने दागी नेताओं को राहत दी, किन्तु अब इस निर्णय के विरुद्ध कांग्रेस में ही गुटबाजी शुरु हो गई है। इस अध्यादेश को बकवास करार देते हुए राहुल गांधी ने उस प्रेस कान्फ्रेंस में खलबली मचा दी जिसे अध्यादेश के महिमामंडन के लिए ही रखा गया था। यह एक ऐसा फैमिली ड्रामा था, जिसे लेकर कांग्रेस में हैरानी थी, तो विरोधियों को हँसी आ रही थी। 

दागियों पर अध्यादेश के विरुद्ध राहुल का जलापा, प्रत्यक्ष रूप से उनकी अपरिपक्वता की ही निशानी था। केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार हो, मंत्रीमंडल उस अध्यादेश को स्वीकृति दे और ठेठ राष्ट्रपति तक अध्यादेश पहुँच जाए, तब तक राहुल अनजान रहें...यह आश्चर्यजनक नहीं, परंतु हास्यास्पद व नाटक ही लगता  है। मोदी की दिल्ली रैली से ठीक 48 घण्टे पहले राहुल द्वारा की गई इस ‘बकवास' ने सीधे-सीधे मोदी को एक मुद्दा दे दिया है।

दिल्ली में दहाड़ के बाद आज मुंबई में मोदी करेंगे हीरा कारोबारियों से मुलाकातमुंबई। देश की राजधानी दिल्ली में मोदी की विशाल रैली के सफल होने के बाद अब उनका अगला पड़ाव मायानगरी मुंबई है। दिल्ली में गर्जना के बाद आज भाजपा के प्रमं प्रत्याशी नरेंद्र मोदी मुंबई में हीरा व्यापारियों को संबोधित करेंगे। मोदी की ये रैली गैर राजनीति है। भाजपा के प्रमं प्रत्याशी बनने के बाद ये मोदी की पहली मुंबई यात्रा होगी। मोदी यहां डायमंड मर्चेट एसोसिएशन के डायमंड हाल का उदघाटन करेंगे। वास्तव में भाजपा समर्थको का तर्क है कि यदि मोदी को मिशन 2014 सफल करना है तो उन्हें आम आदमी से लेकर, कारपोरेट और राजनीतिक समर्थन प्राप्त करना होगा। पार्टी का मानना है कि मुंबई के इस गैर राजनीतिक कार्यक्रम से हिंदुत्व और विकास के एजेंडे को एक साथ लाने में सहायता मिलेगी जो भाजपा के मिशन 2014 के लिए आवश्यक है। विशेषबात ये भी है कि मोदी सदा से सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते है। ऐसे में उन्हें आम लोगों के साथ-साथ व्यापारिक जगत को लेकर भी साथ चलना है। दिल्ली में दहाड़ के बाद मुंबई में मोदी हीरा व्यापारियों से भेंट करेंगे 

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Posted by Tilak Relan at 6:32 AM No comments:
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