भारतस्य शर्मनिरपेक्ष व्यवस्था दर्पण:- सामान्यत: कृत्य के प्रति ढीठता को बेशर्मी कहते हैं। बेशर्मी की सीमा बड़ कर राष्ट्रद्रोह तक आ जाये व यह धर्मनिरपेक्षता के नाम से किया जाये, वह शर्मनिरपेक्षता कहाता है। वर्तमान विपक्ष, सारा तंत्र व मीडिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस शर्मनिरपेक्षता का दर्पण व इसका एक ही उपाय है, राष्ट्रवाद का जागरण। संपर्क सूत्र : BharatVarshasya@gmail.com, 9599302044. 7838468776, 99910774607, 7531949051, 9911111611
YDMS चर्चा समूह
सोमवार, 6 जनवरी 2014
शनिवार, 4 जनवरी 2014
मीडिया सेंटर में प्रधानमंत्री का सम्मेलन
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज दिल्ली के मीडिया सेंटर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपने ढंग से संप्रग-2 सरकार की असफलताओं को स्वीकारा, कि सरकार में विकास दर घट गयी, आर्थिक असमानता बढ़ गयी और रोजगार के अवसरों में कमी आई। फिर उन भी असफलताओं को ढकने व अर्थव्यवस्था सुधरने की झूठी आशा में अपनी सरकार की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि हम अपनी नीतियों के कारण ही वैश्विक आर्थिक मंदी का सामना कर पाये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछला दशक उतार चढ़ाव वाला रहा। ''आरम्भ में आर्थिक स्थिति अच्छी थी फिर शेष विश्व के कारण बिगड़ गई।'' प्रधानमंत्री ने विगत नौ वर्षों में जिस उच्चतम वृद्धि दर का उल्लेख किया, वह महँगाई भ्रष्टाचार व लूट के अतिरिक्त हम कहीं नहीं देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों की संख्या घटी है, तो इनके आँकड़ों के खेलों की कलई कई बार खुल चुकी है।
जो मीडिया इनके करोड़ों के विज्ञापन पर आश्रित है, उन्ही के भ्रमजाल के बल पर झूठा प्रचार किस प्रकार किया जाता है यह इस संवाददाता सम्मलेन से स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सहित सभी मोर्चों पर विफल रही सरकार की विफलताएँ यदि 10 मोर्चों पर रही, 4 जिन्हें छिपाना असम्भव था, 6 जहाँ आंकड़ों का खेल खेला जा सकता था; 6 झूठ 4 स्वीकारोक्तियों के साथ ऐसा घाल मेल बनाया, कि वह भी सत्य लगे। 65 वर्ष से खेला जा रहा बहकने का यह खेल, कब तक चलेगा? -युद
जो मीडिया इनके करोड़ों के विज्ञापन पर आश्रित है, उन्ही के भ्रमजाल के बल पर झूठा प्रचार किस प्रकार किया जाता है यह इस संवाददाता सम्मलेन से स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सहित सभी मोर्चों पर विफल रही सरकार की विफलताएँ यदि 10 मोर्चों पर रही, 4 जिन्हें छिपाना असम्भव था, 6 जहाँ आंकड़ों का खेल खेला जा सकता था; 6 झूठ 4 स्वीकारोक्तियों के साथ ऐसा घाल मेल बनाया, कि वह भी सत्य लगे। 65 वर्ष से खेला जा रहा बहकने का यह खेल, कब तक चलेगा? -युद
प्रधानमंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में कमजोर तबकों का विकास हुआ और नरेगा से लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में सभी वर्गों की उन्नति हुई। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत पिछड़े क्षेत्रों में भी शिक्षा का लाभ मिला और शिक्षा क्षेत्र का विकास हुआ। उन्होंने कहा कि नये आईआईटी और आईआईएम खोले गये। हालांकि उन्होंने माना कि हम नौकरियां नहीं बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को और अधिकार देने के लिए हमने कानून बनाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने और छोटे तथा मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
उन्होंने माना कि विधानसभा चुनावों में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा किन्तु चुनाव से लोकतंत्र सशक्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव परिणामों से हम सबक लेंगे। उन्होंने माना कि महंगाई बढ़ी है किन्तु कहा कि साथ ही लोगों की आय भी बढ़ी है। उन्होंने महंगाई व मुद्रास्फीति पर नियन्त्रण पाने में असफलता को प्रथम बार स्वीकारा है। कहा कि ''खाद्य मूल्यों पर लगाम लगाने के लिए आपूर्ति बढ़ाने की आवश्यकता है।'' ''हाल के विधानसभा चुनाव में लोगों के कांग्रेस के विरुद्ध होने का एक कारण महंगाई रहा''।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नीतियों में बदलाव भी किया है। उन्होंने कहा कि संसद में अभूतपूर्व व्यवधान के बाद भी हमने कई महत्वपूर्ण कानून पारित किए। मनमोहन ने कहा कि हम पड़ोसी देशों से अच्छे सम्बन्ध चाहते हैं किन्तु देश की सुरक्षा में पैसे खर्च करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम वृद्धि में सुधार, उद्यम को प्रोत्साहित करने, रोजगार बढ़ाने और गरीबी दूर के लिए अपनी नीतियों लागू करना जारी रखेंगे। मनमोहन ने कहा, ''मुझे इस बात का खेद है कि सच्चर समिति की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन का लाभ सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाया।''
प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किये जाने को लेकर पूछे गये प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुकी हैं कि सही समय आने पर इस बारे में निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने अभी त्यागपत्र देने संबंधी समाचारों को नाकारा और कहा कि वह इस पद की दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने में चुनाव के बाद मैं कामकाज नये प्रधानमंत्री को सौंप दूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि लोग आर्थिक और सामाजिक क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की आवश्यकता को समझेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैंने पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से देश की सेवा की है। मैंने कभी अपने मित्रों अथवा सम्बन्धियों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का उपयोग नहीं किया।''
अपनी सरकार की कलंकित छवि संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप संप्रग-1 के कार्यकाल के समय के हैं जिनसे कानून के अनुसार निपटा जा रहा है। उन्होंने इन आरोपों पर खेद जताया और कहा कि सरकारी निर्णयों में किसी तरह की गलती को कानून की स्थापित प्रक्रिया के तहत दंडित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष के निजी स्वार्थ थे और मीडिया, कैग तथा अन्य पक्षों ने कई अवसरों पर इसे हवा दी। उन्होंने कोलगेट मामल पर कहा कि तथ्य यह है कि मैंने ही कोयला ब्लाक आवंटन में पारदर्शिता पर जोर दिया था।
यह पूछे जाने पर कि अगले चुनाव में क्या राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी संघर्ष में आपको परिणाम क्या लगता है, तो उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि अगला प्रधानमंत्री संप्रग से ही होगा, क्योंकि मोदी का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए घातक होगा।
मनमोहन सिंह ने स्वीकार कर लिया है कि उनकी सरकार महंगाई और भ्रष्टाचार को रोकने में असफल रही और रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं पैदा कर सकी। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियां गिनाने के बजाय असफलताओं को गिनाया। यह सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है कि सत्ता का दोहरा केंद्र है। प्रधानमंत्री ने उसी बात को सही प्रमाणित किया है, जो भाजपा कहती रही है कि सत्ता के दोहरे केंद्र के कारण आप इस सरकार से अच्छे की आशा नहीं कर सकते। निर्णय लेने की आजादी पूरी तरह समाप्त हो गयी है।’’
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा की बात नहीं की, जबकि सरकार आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रही है। विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, कि यह कहना भी हास्यास्पद है कि संप्रग सरकार ने राजग से बेहतर काम किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने आरोप लगाया कि वर्त्तमान संप्रग सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे हैं, स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी अन्य सरकार के विरुद्ध ऐसे आरोप नहीं लगे।
अरुण जेटली ने मनमोहन से पूछे पांच प्रश्न
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आज आयोजित होने वाले संवाददाता सम्मेलन से पूर्व भाजपा ने उनसे कुछ प्रश्न किये हैं। इन प्रश्नों में एक यह भी है कि प्रधानमंत्री इतिहास में अपने कार्यकाल के आकलन के बारे में क्या सोचते हैं।नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक
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