YDMS चर्चा समूह

रविवार, 20 जनवरी 2013

राष्ट्र की दुर्दशा, कारण, निवारण :

राष्ट्र की दुर्दशा, कारण, निवारण : 
आज राष्ट्र की वर्तमान दुर्दशा का मुख्य कारण है, न केवल मेकालेवादी प्रदूषित तत्वों से धर्म, संस्कृति व जीवनशैली बचाने में असफलता। साथ ही दुष्ट मीडिया से ऐसे तत्वों का समर्थन व धर्म- संस्कृति के रक्षकों की अवमानना को रोकने में भी असफलता। तथा स्वयं भागीदार बनना। विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है। विविध विषय के 28 ब्लॉग 5 चेनल व अन्य सूत्र, इस अभियान का अंग हैं, अपनी रूचि का विषय चुन कर सहभागी बने।- तिलक Yugdarpan.com
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

सोमवार, 14 जनवरी 2013

स्वामी विवेकानंद जी की 150 वीं जयंती समारोह

स्वामी विवेकानंद जी की 150 वीं जयंती समारोह
स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति दिल्ली के तत्वावधान में स्वामी विवेकानन्द जी की150 वीं जयंती पर भव्य 'शोभा यात्रा' 
नई दिल्ली. 12 जन. 2013, उत्तिष्ठत जाग्रत का उदघोष करने वाले आधुनिक संत स्वामी विवेकानन्द जी की150 वीं जयंती के 12 जन. 2014 तक, वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमो का शुभारम्भ देश की राजधानी दिल्ली में विवेकानन्द 'शोभा यात्रा'  के रूप में हुआ। जिसमें 15,000 से अधिक व्यक्तियों द्वारा भाग लिया गया ।
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लाल किले के मंचीय कार्यक्रम में स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति की अखिल भारतीय अध्यक्षा चित्र 1 पूज्य माता  अमृतानन्दमयी देवी जी (अम्मा) द्वारा आशीर्वाद, गायत्री रिवार के सुविख्यात आध्यात्मिक विचारक डॉ. प्रणव पंड्या, द्वारा सभा को संबोधित किया गया। शोभा यात्रा को प्रमुख आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक नेताओं ने भी संबोधित किया। 
सभी वक्ताओं इस तथ्य पर बल दिया कि देश के पुनर्जागरण में देश के युवाओं की भूमिका के लिए स्वामी जी का आदर्श होना चाहिए। केवल जंगल में सन्यास लेने का अर्थ आध्यात्मिकता नहीं, इससे समाज का जीवन सुधारना है। दिशाहीन युवा से देश का भविष्य नकारात्मक बनता है। समस्त समाज को उठाने का आधार सही शिक्षा है, व शिक्षा पद्धति है।
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तथा मंच पर विराजमान अन्य नारायण गुरू संस्थान केरल के स्वामी ऋतम्भरानन्द जी, विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनेशचन्द्र जी, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के अध्यक्ष श्री पी.परमेश्वरन जी, राष्ट्र सेविका समिति की पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढे जी, वाल्मीकि समाज के सन्त स्वामी विवेकनाथ जी महाराज, संत आत्मानन्द जी (राम कृष्ण आश्रम), और राघवानन्द जी, स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव श्री अनिरुद्ध देशपाण्डे जी, स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति दिल्ली के अध्यक्ष श्री राधे श्याम गुप्ता जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा भी थे। 
स्वामी जी का संदेश:  हालांकि स्वामीजी को शिकागो व्याख्यान, "अमेरिका के भाइयों और बहनों" के माध्यम से सर्वाधिक स्मरण किया जाता है, लेकिन भारत  भारतीय और विश्व में उनके हिस्से के मिलने के बारे में उनकी चिंताएँ, प्रतिष्ठित व्याख्यान से बहुत परे है। उदाहरण के लिए कि यह व्यापक रूप से नहीं जाना जाता है कि देश के औद्योगिक विकास के लिए टाटा समूह को अपनी स्टील इकाइयों की स्थापना में प्रोत्साहित करने के लिए जिम्मेदार स्वामीजी थे। भारतीय विज्ञान संस्थान स्थापित करने के विचार का सर्जक स्वामीजी थे। स्वामी जी का संदेश देश की व्यापक आध्यात्मिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और औद्योगिक जागृति की प्रेरणा के लिए है। विशेष रूप से भारतीय युवा है जो देश के भविष्य हैं, व समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच स्वामी जी का संदेश फैलाने के उद्देश्य से  स्वामी विवेकानन्द की जयंती समारोह वर्ष भर चलता रहेगा।
    विवेकानन्द फाउंडेशन के तत्वावधान में स्वामी विवेकानन्द सार्धशती समारोह समिति150 वर्ष समारोह के कार्यक्रम वर्ष भर चलेंगे। इनका उद्देश्य देश भर में और समाज के सभी वर्गों के बीच में विवेकानन्द जी की भावना को पुनर्जीवित करने के लिए है। सारे देश में स्कूलों और कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, गांवों, समाज के वंचित वर्गों, महिलाओं, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों,  उत्तर पूर्वी राज्यों, आदि के माध्यम, स्वामीजी के संदेश का प्रसार करने में  (4 करोड़) से अधिक परिवारों से संपर्क किया जाएगा।
P-6.jpg'भव्य शोभा यात्रा': कार्यक्रम के अंत में लाल किला से चांदनी चौक, खारी बावली, लाहोरीगेट, नावल्टी सिनेमा, पु. दिल्ली रेलवे स्टेशन और वापस लाल किला (3.5 किमी) 'शोभा यात्रा' निकाली गई। जिसमें स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन को दर्शाती भव्य झांकियां निकाली गई। स्वामी विवेकानन्द सार्धशती के उद्देश्य व पांचों आयामों (युवा, प्रबुद्ध भारत, संवर्धिनी, ग्रामायण, अस्मिता) को दर्शाती भव्य झांकियां प्रस्तुत की गई। 'शोभा यात्रा' के मार्ग में क्षेत्र के निवासियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, धार्मिक संगठनों, शैक्षिक संस्थानों के हजारों व्यक्तियों ने गुलदस्ते की प्रस्तुति और फूलों की पंखुड़ियों आदि, के द्वारा शोभा यात्रा का स्वागत किया गया व पूरा मार्ग बैनर और स्वागत द्वार आदि के साथ सजाया गया था। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में स्कूली छात्रोंनागरिक व महिलाओं ने भाग लिया। 
इस शोभायात्रा में स्वामीजी के जीवन के विभिन्न पहलुओं के चित्रण (जैसे जाग भारत और विश्व जागो, रॉक मेमोरियल, रामकृष्ण परमहंस, शिकागो व्याख्यान, आदि) के मंचन द्वारा द्रष्टांत को दर्शाया गया। जीवन के विभिन्न रंगो से संबंधित, स्कूलों और छात्रों की एक बड़ी संख्या के अतिरिक्त व्यापार संगठनों, किसानों संघों, श्रम संघों, महिला संगठनों, सांस्कृतिक समूहों, विविध धर्म समूहों, कलाकारों, आदि से जुड़े हुए स्वामी विवेकानन्द जी के सभी अनुयायियों से सौ से भी अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

Shri Narendra Modi at National Development Council

श्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते है।


केंद्र में नीतिगत पक्षाघात, देश के विकास की दिशा में नकारात्मक स्थिरता और 

जो राष्ट्र 

के 

अग्रणी बनने में सहायता नहीं करेगा: श्री मोदी

पिछली बार जब हम मिले थे, वे (केन्द्र) 9% की वृद्धि के बारे में बात करते थे, लेकिन हम (देश) अभी भी 7.9% पर अटक कर रहे हैं। अब वे 9% की सोचना बंद कर दिया है और 8.2% का ही एक लक्ष्य रखा है। हमारे जैसे देश में केंद्र केवल 0.3% की वृद्धि के लिए इच्छुक है, श्री मोदी ने पूछा 

मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक संसाधनों पर आयाग के लिए कहा, जहां राज्य के विचार को महत्व दिया जाना चाहिए। 

प्रधानमंत्री देश की ऊर्जा के बुनियादी ढांचे के बारे में गंभीर नहीं है: श्री मोदी

योजना आयोग ने कौशल विकास की दिशा में हमारे प्रयासों, व हमारे केवीके का अध्ययन किया 

और अन्य राज्यों से कहा गया है कि वे भी 

यह अध्ययन करें: श्री मोदी

वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2013 पर मुख्यमंत्री: 

100 से अधिक राष्ट्र शामिल होगे, जहाँ एसएमई, लघु उद्योगों और ज्ञान साझेदारी 

पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा

गुरुवार 27 दिसंबर 2012 की दोपहर श्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस नीत संप्रग के नीति पक्षाघात के लिए सरकार पर जम कर बरसे । उन्होंने कहा कि केंद्र में इस नीतिगत पक्षाघात के कारण देश के विकास की दिशा में नकारात्मक स्थिरता की ओर जा है और जो राष्ट्र अग्रणी बनने में सहायता नहीं करेगा। राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाग ले रहे मुख्यमंत्री इस अवसर पर बोल रहे थे।

 Centre’s policy paralysis leading country towards stagnation and negative growth, which will not help the nation: Shri Modi 

The last time we met, they spoke of 9% growth but we are still stuck at 7.9%. Now they have stopped thinking of 9% and have kept a target of 8.2%. A nation like us is aspiring only for 0.3% growth? Asks Shri Modi

CM calls for commission on natural resources where views of the state must be given importance 

PM is not serious about nation’s energy infrastructure: Shri Modi 

Planning Commission has studied our efforts towards skill development, our KVKs and asked other states to study it: Shri Modi 

CM on Vibrant Gujarat Summit 2013: 

More than 100 nations to join, focus will be on SMEs, small scale industries and knowledge partnership

http://www.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=1xaLV-cMHIU#t=0s

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On the afternoon of Thursday 27th December 2012 Shri Narendra Modi came down heavily on the Congress-led UPA for policy paralysis. He said that due to this policy paralysis the country is headed towards stagnation and negative growth, which will never help the nation. The Chief Minister was speaking at the sidelines of the meeting of the National Development Council (NDC), which he is attending.

ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

शनिवार, 5 जनवरी 2013

स्वामी विवेकानन्द महान।

स्वामी विवेकानन्द महान।
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पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।
जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
ये मेरा प्यारा देश महान, जन्मे स्वामी विवेकानन्द महान।
*देवी देवता, ऋषि मुनि, व महापुरुषों की कर्मस्थली यह।
ज्ञान विज्ञान, विश्व बंधुत्व, प्रेम शौर्य, मानवीय धर्मक्षेत्र है।
मानव ही नहीं जीव जंतु, व पर्यावरण समन्वय का दे ज्ञान।
इसीलिए था विश्वगुरु, तब इस पर क्यों न करें अभिमान ? 
*ग्रहण लगा था विश्वगुरु को, और मानवता जब थी बन्दी। 
आतताइयों के कृत्यों से जब यह धरा हुई सारी थी गन्दी।
1863 में भारत में जन्मे, राज था अंधकार का व फैला अज्ञान
जब ज्ञान खोजता विश्व था, शिकागो में तब कराई पहचान।
*जब राजा ही करे व्याभिचार, तो जनता हो जाती लाचार।
पहला बन्दर सोता रहता है, देश का दर्द न दूजा सुनता है।
मौनी बाबा सत्य  कहता, आश्वासन के पाखंड दिखाता है। 
तभी हैं ऐसे दुरदिन ये आये, कि सारा देश हुआ परेशान। 
*आओ फिरसे बनाये देश महान, जिसका यश गाये सारा जहान।
हम सोने की चिड़िया ऐसी बनायें, जहाँ कोई न हो परेशान। 
आने वाला कल चमकाने में, हम आज कर जायेंगे बलिदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"  युगदर्पण
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक

ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत मेला,

http://youtu.be/o7QRyRyQPIs?t=59m57s
:: श्री  नरेन्द्र  मोदी  का  स्वागत, गुजरात में तीसरी बार विजय का मोदी मेला, 11 अशोक रोड, न दि. में 25.दिस.,2012.
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

बुधवार, 2 जनवरी 2013

स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह

स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह 

स्वामी विवेकानन्द जी का 150 वां जयन्ती वर्ष समारोह के उपलक्ष्य में कार्यक्रम 
विश्व मंच पर शिकागो सम्मलेन में भारत की धर्म पताका फहराने वाले स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म के 150 वें जयन्ती वर्ष समारोह शुभारम्भ 25 दिस. के उपलक्ष्य में इंद्रपुरी का लक्ष्मी नारायण मंदिर समय प्रात: 7.30 बजे संकल्प के रूप में मनाया जायेगा ।  इसी प्रकार से देश भर में कार्यक्रम रहेंगे तथा वर्ष भर कार्यक्रम चलते रहेंगे। 
वर्तमान में जिस प्रकार देश की दुर्दशा की जा रही है, धर्म पर अधर्म का दुश्चक्र चल रहा है। धर्म की स्थापना के लिए वह (दिव्य) आयेगा अवश्य, किन्तु न वह राम के जैसे शास्त्र उठाएगा न कृष्ण बन कर सारथी बनेगा । उसने महाभारत में सारथी बन जो उपदेश दिया वह दोहराने भी न आयेगा, वह (दिव्य) पुंज हमें स्वामी विवेकानन्द के स्मरण, व श्री भगवत गीता के पठन से राह दिखायेगा । अब वह निमित्त बना कर कार्य करता है, कर्म योग के द्वारा हमें अर्जुन बनाएगा, वह (दिव्य) पुंज हमारे अपने भीतर प्रकाश मय रहे। 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया का एक मात्र सार्थक विकल्प युगदर्पण YDMS की विविधता, व्यापकता व लेखन का परिचय: युगदर्पण मीडिया समूह YDMS में राष्ट्रवाद के विविध विषय के 25 ब्लाग, 5 चेनल, orkut, FB, ट्वीटर etc सहित एक वेब भी है। अपनी पसंद का विषय 25 में से एक लेकर, मिलकर ही हम बिकाऊ मैकालेवादी, शर्मनिरपेक्ष मीडिया को परास्त कर सकते हैं। -तथा "राष्ट्र वादी मीडिया" उसका विकल्प बन सकता है।"वन्देमातरम" को अपना मंत्र बनायें। 
अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग…remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 … www.yugdarpan.com
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।

गीत "संकल्प 2013"

गीत "संकल्प 2013" 

वन्देमातरम, 
भारत माता के पीड़ित वंशजो। जिस अंग्रेजियत ने हमें यह हैप्पी न्यू इयर दिया, उसीके न्यू इयर के अवसर पर, उसीके कारण आज यह देश इस मोड़ पर खड़ा है। कथित आज़ादी के बाद शीर्ष तक जाने के मार्ग भटकने में भूल गए, पहाड़ पर फिसलने का परिणाम। पहाड़ अब फिर से चढ़ेंगे, इस राष्ट्र की डगर पे, किन्तु जरा संभलके। इस पर मंथन, विचार व उपचार, एक नए गीत संकल्प 2013 के माध्यम से देने का प्रयास कर रहा हूँ। चिकित्सीय जाँच के लिए विचार व संकल्प 2013 में मिलेगा उपचार। "मेरा भारत महान" इसे उपहास का विषय बना कर रोके गए, सत्य को जन जन तक पहुंचाएं। कृ.यथासंभव: हमारा भावात्मक मिलान, गीत के सुर मिलान में दर्शायें, व दोहराएंगे।
गीत "संकल्प 2013" 
*ये मेरा प्यारा देश महान, जिसका यश गाता था जहान।
क्यों? उसके ये दुरदिन आये, के सारा देश हुआ परेशान।  
एक कदम फिसले न संभालता, चाहे कितना रहे पहलवान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*ऋषि मुनि, महापुरुषों व क्रान्तिकारियों का कर्मक्षेत्र यह।
आतंक भ्रष्टाचार अनाचार और दुराचार का शासन बना ?
दवा लगानी है जो घाव पर, कर जाँच कारण को पहचान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*जब राजा ही करे व्याभिचार, तो जनता हो जाती लाचार।
पहला बन्दर सोया रहता है,  दूजा तेरे दर्द नहीं सुनता है।
मौन रहे पर सत्य  कहता, आश्वासन है पाखंड ये जान।  
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*चोर को थानेदार बनाया, फिर चोरी करने को उकसाया।
अपनों को धक्का देके भगाया, पहले इस गलती को मान।
संकल्प 2013 लेकर तूँ आजा, महाभारत के इस मैदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,..
*इन सब को पहचान लिया तो अब टिकने न देंगे भारत में।
मायावी मृग को  हरने देंगे हम अब कोई सीता भारत में।
65 वर्षों हमें छला गया, अब और छलने न देंगे भारत में। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*आओ फिरसे बनाये देश महान, जिसका यश गाये सारा जहान।
हम सोने की चिड़िया ऐसी बनायें, जहाँ कोई न हो परेशान। 
आने वाला कल चमकाने में, हम आज कर जायेंगे बलिदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
*ये मेरा प्यारा देश महान, जिसका यश गाता था जहान।
क्यों? उसके ये दुरदिन आये, के सारा देश हुआ परेशान।  
एक कदम फिसले न संभालता, चाहे कितना रहे पहलवान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।। 
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||" युगदर्पण
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
ये शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से देश धर्म संस्कृति के शत्रु; राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते।